प्रदर्शनकारी के इस दावे ने शाहीन बाग में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है। व्यक्ति के मुताबिक, वह 9 फरवरी के बाद दोबारा कभी शाहीनबाग नहीं गया। हालांकि इस तथ्य की उसके अलावा किसी और स्तर पर पुष्टि नहीं हुई है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि वह किस-किस दिन नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ अपना विरोध जताने शाहीनबाग गया था।
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