नई दिल्ली सात साल के लंबे इंतजार के बाद निर्भया के दोषियों को फांसी दे दी गई। सभी दोषियों को तिहाड़ जेल में फांसी के फंदे पर लटाकाया गया। 7 साल के दौरान दोषियों ने फांसी से बचने के लिए हर चाल चली लेकिन वे असफल रहे। सुप्रीम कोर्ट ने 19-20 रात की दरम्यानी रात तक सुनवाई कर दोषियों के फांसी का रास्ता साफ कर दिया। आइए जानते हैं 7 सालों के दौरान क्या-क्या हुआ और कैसे निर्भया को दोषियों को मिला इंसाफ.. सालों के लंबे इंतजार और कानूनी जद्दोजहद के बाद निर्भया को मिला इंसाफ निर्भया गैंगरेप केस: जानें कब क्या हुआ 16 दिसंबर 2012 23 साल की छात्रा के साथ दिल्ली में चलती बस में 6 लोगों ने गैंगरेप किया। गैंगरेप करनेवालों में एक नाबालिग गैंगरेप की घटना के बाद दिल्ली समेत पूरे देश में प्रदर्शन 18 दिसंबर: दिल्ली पुलिस ने बस के ड्राइवर समेत 4 लोगों को अरेस्ट किया। बाद में 2 और भी अरेस्ट हुए 29 दिसंबर बुरी तरह जख्मी निर्भया ने दम तोड़ दिया 2013 3 जनवरी 5 बालिग आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल 28 जनवरी जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने छठे आरोपी को नाबालिग घोषित किया ये थे आरोपी मुकेश सिंह उम्र-37 पेशा- पार्ट टाइम बस ड्राइवर, क्लीनर दक्षिण दिल्ली के रविदास कैंप का निवासी अक्षय ठाकुर उम्र- 27 पेशा- जिम ट्रेनर रविदास कैंप का निवासी विनय शर्मा उम्र- 26 पेशा- फल विक्रेता रविदास कैंप का निवासी पवन गुप्ता उम्र- 35 पेशा- बस क्लीनर रविदास कैंप में रहता था राम सिंह उम्र- 33 पेशा- बस ड्राइवर रविदास कैंप में रहता था 11 मार्च बस ड्राइवर राम सिंह तिहाड़ जेल की अपने सेल में खुदकुशी की 31 अगस्त जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग आरोपी को गैंगरेप और हत्या का दोषी माना। 3 साल की सजा। नाबालिग 3 साल सुधार गृह में रहने के बाद रिहा नाबालिग की उम्र 17 साल दिल्ली निवासी 13 सितंबर फास्ट ट्रैक कोर्ट ने चारों दोषियों को मौत की सजा सुनाई। सजा की पुष्टि के लिए केस दिल्ली हाई कोर्ट को रेफर किया गया 2014 13 मार्च दिल्ली हाई कोर्ट ने सभी दोषियों की फांसी बरकरार रखी। दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई 2016 3 अप्रैल: सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की फांसी की सजा पर रोक वाली याचिका पर सुनवाई शुरू की 2017 5 मई: सुप्रीम कोर्ट ने अक्षय, विनय, पवन और मुकेश की फांसी बरकरार रखी 2018 9 जुलाई: सुप्रीम कोर्ट ने पवन, मुकेश और विनय की रिव्यू पिटिशन खारिज की 13 दिसंबर: निर्भया के माता-पिता ने दोषियों को जल्द फांसी देने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया 2019 8 नवंबर: दोषी विनय शर्मा ने दया याचिका दाखिल की 6 दिसंबर: गृह मंत्रालय ने विनय की दया याचिका खारिज करने की सूचना दी 10 दिसंबर: अक्षय ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दाखिल की 17 दिसंबर: तत्कालीन चीफ जस्टिस एसए बोबडे रिव्यू पिटिशन की सुनवाई से अलग हुए 18 दिसंबर: सुप्रीम कोर्ट ने रिव्यू पिटिशन खारिज की 19 दिसंबर: दिल्ली हाई कोर्ट ने एक दोषी की घटना के वक्त नाबालिग होने की याचिका को खारिज किया 2020 5 मार्च: निर्भया के चारों दोषियों का चौथा और अंतिम डेथ वॉरंट 20 मार्च: सुबह साढ़े 5 बजे सभी दोषियों को फांसी दी गई
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