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Metro11 महीने में हवाई कंपनियों के खिलाफ 10,402 शिकायतें

पंकज पांडेय, बेहतर और कम समय में आरामदायक सफर के लिए यात्री हवाई सेवा का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन यह सेवा भी अब धीरे-धीरे समस्या बनती जा रही है। आलम यह है कि यात्रियों ने सफर के दौरान खराब सुविधा और उड़ान में देरी की वजह से 11 महीने में 10,402 शिकायतें दर्ज करवाई हैं। आंकड़ों के अनुसार, रोजाना औसतन 28 हवाई यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उड़ान रद्द होने, समय पर विमान न उड़ने समेत अन्य कारणों से केवल 3 महीने में 2,424 शिकायतें दर्ज हुई हैं। नवंबर में 932, अक्टूबर में 791 और सितंबर महीने में 701 शिकायतें दर्ज हुईं। नागर विमानन महानिदेशालय ( DGCA) के अनुसार, जनवरी से नवंबर के बीच दर्ज 10,402 शिकायतों में से 8,848 शिकायतों का निपटारा किया गया, जबकि 1,240 शिकायतों पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। लगातार बढ़ रही हैं शिकायतें उड़ानें रद्द होने की वजह से केवल नवंबर महीने में 41 हजार 823 यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस वजह से विभिन्न हवाई कंपनियों ने यात्रियों को 50 लाख, 73 हजार रुपये किराया वापस किया। उड़ानें रद्द या देरी से होने की वजह से इंडिगो के सबसे अधिक 13 हजार, 856 यात्री प्रभावित हुए हैं। स्पाइस जेट के 13 हजार, 735 यात्री और एयर इंडिया के 10 हजार, 297 यात्री प्रभावित हुए हैं। उड़ान में दो घंटे से अधिक की देरी होने की वजह से 2 लाख, 65 हजार, 360 यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है। सेवा में देरी की वजह से हवाई कंपनियों को यात्रियों को भोजन और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने में 1 करोड़, 99 लाख रुपये खर्च करने पड़े हैं। गौरतलब है कि देश में हवाई सेवा के विस्तार की योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है। यात्री सुविधाओं पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। नतीजतन हवाई कंपनियों के खिलाफ दर्ज होने वाली शिकायतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।


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