लखनऊ को लेकर उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से हिंसा की वारदातें सामने आई थीं। राजधानी लखनऊ में 19 दिसंबर को हुई हिंसा में मारे गए मोहम्मद वकील के पिता सर्फुद्दीन ने राजनेताओं को दूर रहने की नसीहत देते हुए कहा है कि वे उनके दरवाजे पर राजनीति न करें। मीडिया को दिए बयान में सर्फुद्दीन ने कहा कि नेतागण मेरे दरवाजे पर किसी भी प्रकार की राजनीति न करें। मुझे बड़ा कष्ट होता है। हाथ जोड़कर निवेदन करता हूं कि मेरे घर के बाहर भीड़ न लगाएं। सर्फुद्दीन ने कहा, ‘मुझे शासन और प्रशासन पर पूरा भरोसा है, पूरा सहयोग मिल रहा है। प्रशासन मेरे साथ खड़ा है। राजनीति के चक्कर में मैं अपने बेटे को खो चुका हूं।’ गौरतलब है कि रविवार को नेता, पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद और अन्य पदाधिकारियों के साथ मोहम्मद वकील के घर पहुंचे थे। इस दौरान वकील के माता-पिता घर में नहीं मिले। वकील के भाई तौफीक से कांग्रेस नेताओं ने मुलाकात की थी। ट्रॉमा सेंटर में हो गई थी मौत बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध की आड़ में 19 दिसंबर को राजधानी में हुई हिंसा में उपद्रवियों ने बवाल शुरू कर दिया था। इस दौरान मोहम्मद वकील को गोली लग गई थी, जिसने ट्रॉमा सेंटर में दम तोड़ दिया। पुलिस की जांच में सामने आया था कि मोहम्मद वकील को उपद्रवियों की गोली लगी थी।
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