लखनऊ उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार फिलहाल टाल दिया गया है। रविवार को नए मंत्रियों के नामों पर मंथन भी हो चुका था लेकिन देर रात पूरी कवायद रोक दी गई। माना जा रहा है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की हालत गंभीर होने की वजह से विस्तार टाला गया है। चर्चा यह भी है कि कुछ नामों पर सहमति नहीं बन पाई है। अब इसी महीने की अन्य तिथि विस्तार के लिए तय की जा सकती है। सूत्रों का कहना है कि गोरखपुर जाने से पहले सीएम योगी ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और संगठन महामंत्री सुनील बंसल के साथ अपने आवास पर बैठक की। इसमें संभावित मंत्रियों के नामों पर मंथन हुआ। इसके बाद सरकार की ओर से कैबिनेट विस्तार की औपचारिक सूचना भेज दी गई। माना जा रहा था कि योगी रात में लखनऊ लौटकर संभावित मंत्रियों की सूची भी राजभवन भेज देंगे पर यह सूची नहीं भेजी जा सकी। इससे पहले शुक्रवार को योगी और स्वतंत्र देव को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने दिल्ली बुलाया था। वहां मंत्रिमंडल विस्तार पर मंथन के बाद सीएम ने शनिवार को राजभवन जाकर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात कर मंत्रिमंडल विस्तार के लिए समय मांगा था। राजभवन ने सोमवार को शपथ ग्रहण के लिए समय दे दिया था। 4-6 मंत्रियों की होगी छुट्टी सूत्रों का कहना है कि खराब प्रदर्शन वाले 4-6 मंत्री हटाए जा सकते हैं। इनमें अपने विभागों में ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर विवादित रहे नाम शामिल हैं। इनके अलावा लोकसभा चुनाव हारने वाले एक मंत्री की भी छुट्टी हो सकती है। उन पर आरोप है कि वह चुनाव ढंग से नहीं लड़े। मंत्रिमंडल विस्तार में 8-10 नए मंत्रियों को जगह दी जा सकती है। कुछ मंत्रियों का प्रमोशन भी किया जा सकता है। मंत्रियों के नाम क्षेत्र और जातीय गणित के हिसाब से तय किए जाएंगे। जिन मंत्रियों का प्रमोशन किया जा सकता है, उनमें ग्राम्य विकास मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह, पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी, होमगार्ड मंत्री अनिल राजभर शामिल हैं। बीजेपी प्रदेश संगठन के दो महामंत्री और छह विधायक भी मंत्री बनने की रेस में हैं।
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